Tuesday, April 24, 2012

प्रेम सिर्फ देना है !! सिर्फ देना..


ओशो उवाच -
प्यार कब टूटता है ?? हम जब किसी से प्यार करते है तो इसी उमीद में करते है की उससे हमे बदले में प्यार मिलेगा। पहले हम सामने वाले को ये ही दिखाते  है की मेरे पास बहुत प्यार है लेकिन कुछ समय बाद पता चलता चलता है की वो भी हमारी तरह ही खाली है। और फिर कुछ ऐसा हो जाता है जैसे दो भिकारी साथ मिल गए हो, दोनों ही एक दुसरे से मांग रहे है पर कोई किसी को कुछ नही दे सकता क्यूकि वो दोनों ही खाली है। फिर वो बोलते है तुमने  मुझे पहले  क्यों नही बताया की तुम्हरे पास कुछ नही है?? और अलग हो जाते है, नए प्रेमियों की तलाश में। वाहा फिर से अपना भिक्षा-पातर छुपाते है शुरु में, दिखाते है की हम लेना नहीं बल्कि देना चाहते है। और ये खेल चलता ही रहता है। प्यार तो सिर्फ देना होता है बिना किसी चाह के, बिना किसी  वासना के। और जो मिलता है वो सिर्फ परसाद है वो उसका मूल्य बिलकुल नही है। अगर ऐसी सोच आपकी हो जाये तो ही आप प्यार के असली आनंद को प्राप्त कर सकते है.।

1 comment:

  1. बहुत खुबसूरत उमेश. सच्चे प्यार का इससे अच्चा विवरण नहीं हो सकता...

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